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Rebirth In Indian Philosophy

भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म का सिद्धान्त और व्यावहारिकता

भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म का सिद्धान्त एक महत्वपूर्ण विचार है, जो अधिकांश आस्तिक दार्शनिक प्रणालियों द्वारा स्वीकार किया गया है। पुनर्जन्म का अर्थ है आत्मा का एक शरीर से दूसरे…

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Law of Karma

भारतीय दर्शन में आत्मा मुक्ति और कर्म सिद्धांत की विशेषताएं

भारत के दार्शनिक सम्प्रदायों को आमतौर पर आस्तिक और नास्तिक में विभाजित किया जाता है। आस्तिक दर्शन में न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त शामिल हैं, जबकि नास्तिक दर्शन…

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Evolution of Indian Philosophy

भारतीय दर्शन का विकास (Evolution of Indian Philosophy)

भारतीय दर्शन का विकास अत्यंत विशिष्ट और समृद्ध है, जो इसे यूरोपीय दर्शन से अलग बनाता है। भारतीय दर्शन में विभिन्न विचारधाराएँ एक साथ अस्तित्व में रही हैं और समय के साथ…

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Schools of Indian Philosophy

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy)

भारतीय दर्शन को दो प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (Orthodox) और नास्तिक (Heterodox)। इन वर्गों का निर्धारण इस आधार पर किया गया है कि वेद की प्रामाणिकता…

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भारतीय दर्शन का मुख्य विभाजन

भारतीय दर्शन का मुख्य विभाजन

भारतीय दर्शन अपने व्यापक और गहन दृष्टिकोण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह दर्शन चार प्रमुख कालों में विभाजित किया जा सकता है:वैदिक काल (The Vedic Period)महाकाव्य काल (The…

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भारतीय और पश्चिमी दर्शन

भारतीय और पश्चिमी दर्शन: एक तुलनात्मक दृष्टिकोण

हर देश का अपना विशिष्ट दर्शन होता है, जो उस देश की संस्कृति, इतिहास, और जीवन दृष्टि का प्रतिबिंब है। 'भारतीय दर्शन' और 'पश्चिमी दर्शन' का नामकरण ही इस बात…

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सत्य को समझने के माध्यम

ज्ञान के छह प्रमाण: सत्य को समझने के माध्यम | हम क्या जानते हैं और क्यों?

ज्ञान मानव प्रगति की नींव है। यह हमें दुनिया और ब्रह्मांड को समझने का माध्यम प्रदान करता है। लेकिन हम ज्ञान प्राप्त कैसे करते हैं? कौन से तरीके हमें जानकारी…

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