चार्वाक दर्शन: आत्मा, ईश्वर और नीति संबंधी विचार
चार्वाक के आत्मा-संबंधी विचार (Charvaka's Philosophy of Soul) भारत के अधिकांश दार्शनिक आत्मा की सत्ता में विश्वास करते हैं, लेकिन चार्वाक दर्शन इस संदर्भ में एक अपवाद प्रस्तुत करता है।…
चार्वाक के आत्मा-संबंधी विचार (Charvaka's Philosophy of Soul) भारत के अधिकांश दार्शनिक आत्मा की सत्ता में विश्वास करते हैं, लेकिन चार्वाक दर्शन इस संदर्भ में एक अपवाद प्रस्तुत करता है।…
भारतीय दर्शन की मुख्य प्रवृत्ति आध्यात्मिक मानी जाती है, लेकिन यह समझना कि भारतीय दर्शन पूर्णतः आध्यात्मिक है, गलत होगा। जो लोग ऐसा मानते हैं, वे भारतीय दर्शन को आंशिक…
किसी भी राष्ट्र की प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपने समाज में किस प्रकार की प्राथमिकताओं को महत्व देता है। क्या वह ज्ञान, वैज्ञानिक सोच और…
आज के समय में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को एक देश की आर्थिक सफलता का प्रमुख मापदंड माना जाता है। यह आंकड़ा बताता है कि एक देश ने कितनी वस्तुएं…
भगवद्गीता, जिसे सामान्यत: गीता के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म की अत्यधिक पवित्र और लोकप्रिय रचना है। वास्तव में, कहा जा सकता है कि हिन्दू धर्म का आधार…
उपनिषदों का दर्शन (Philosophy of the Upanisads) उपनिषद वेद के अंतिम भाग हैं, इसलिए इन्हें वेदांत (वेद-अंत) भी कहा जाता है। वेदांत, वेदों का अंतिम भाग या सार है ।…
वेद विश्व-साहित्य की सबसे प्राचीन रचना है। यह मानव-भाषा में प्राचीनतम् मनुष्य के धार्मिक और दार्शनिक विचारों का सर्वप्रथम परिचय प्रस्तुत करता है। डॉ. राधाकृष्णन ने कहा है, "वेद मानव-मन…