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Philosophy of Bhagavad Gita

गीता का दर्शन (Philosophy of Bhagavad Gita)

भगवद्गीता, जिसे सामान्यत: गीता के नाम से जाना जाता है, हिन्दू धर्म की अत्यधिक पवित्र और लोकप्रिय रचना है। वास्तव में, कहा जा सकता है कि हिन्दू धर्म का आधार…

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उपनिषदों का दर्शन Philosophy of the Upanisads

उपनिषदों का दर्शन (Philosophy of the Upanisads)

उपनिषदों का दर्शन (Philosophy of the Upanisads) उपनिषद वेद के अंतिम भाग हैं, इसलिए इन्हें वेदांत (वेद-अंत) भी कहा जाता है। वेदांत, वेदों का अंतिम भाग या सार है ।…

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Philosophy of The Vedas

वेदों का दर्शन: Philosophy of The Vedas

वेद विश्व-साहित्य की सबसे प्राचीन रचना है। यह मानव-भाषा में प्राचीनतम् मनुष्य के धार्मिक और दार्शनिक विचारों का सर्वप्रथम परिचय प्रस्तुत करता है। डॉ. राधाकृष्णन ने कहा है, "वेद मानव-मन…

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The concept of god in indian philosophy

भारतीय दर्शन में ईश्वर-विचार: वेदो से वेदांत तक

भारतीय दर्शन में ईश्वर-विचार का मूल स्रोत वेद, विशेष रूप से ऋग्वेद, को माना जाता है। ऋग्वेद में ही भारतीय दर्शन के अधिकांश सिद्धांत बीज रूप में निहित हैं, जिनमें…

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भारत के विभिन्न दर्शन में जगत की सत्यता

भारत के विभिन्न दर्शन में जगत की सत्यता

भारतीय दर्शन में विश्व के अस्तित्व और उसकी सत्यता को लेकर विभिन्न विचार पाए जाते हैं। शंकर और योगाचार सम्प्रदाय को छोड़कर, अन्य अधिकांश भारतीय दार्शनिक जगत को सत्य मानते…

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Rebirth In Indian Philosophy

भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म का सिद्धान्त और व्यावहारिकता

भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म का सिद्धान्त एक महत्वपूर्ण विचार है, जो अधिकांश आस्तिक दार्शनिक प्रणालियों द्वारा स्वीकार किया गया है। पुनर्जन्म का अर्थ है आत्मा का एक शरीर से दूसरे…

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Law of Karma

भारतीय दर्शन में आत्मा मुक्ति और कर्म सिद्धांत की विशेषताएं

भारत के दार्शनिक सम्प्रदायों को आमतौर पर आस्तिक और नास्तिक में विभाजित किया जाता है। आस्तिक दर्शन में न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त शामिल हैं, जबकि नास्तिक दर्शन…

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