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Schools of Indian Philosophy

भारतीय दर्शन के सम्प्रदाय (The Schools of Indian Philosophy)

भारतीय दर्शन को दो प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (Orthodox) और नास्तिक (Heterodox)। इन वर्गों का निर्धारण इस आधार पर किया गया है कि वेद की प्रामाणिकता…

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भारतीय दर्शन का मुख्य विभाजन

भारतीय दर्शन का मुख्य विभाजन

भारतीय दर्शन अपने व्यापक और गहन दृष्टिकोण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह दर्शन चार प्रमुख कालों में विभाजित किया जा सकता है:वैदिक काल (The Vedic Period)महाकाव्य काल (The…

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भारतीय और पश्चिमी दर्शन

भारतीय और पश्चिमी दर्शन: एक तुलनात्मक दृष्टिकोण

हर देश का अपना विशिष्ट दर्शन होता है, जो उस देश की संस्कृति, इतिहास, और जीवन दृष्टि का प्रतिबिंब है। 'भारतीय दर्शन' और 'पश्चिमी दर्शन' का नामकरण ही इस बात…

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सत्य को समझने के माध्यम

ज्ञान के छह प्रमाण: सत्य को समझने के माध्यम | हम क्या जानते हैं और क्यों?

ज्ञान मानव प्रगति की नींव है। यह हमें दुनिया और ब्रह्मांड को समझने का माध्यम प्रदान करता है। लेकिन हम ज्ञान प्राप्त कैसे करते हैं? कौन से तरीके हमें जानकारी…

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Philosophy

दर्शन: जीवन के गहरे अर्थ की खोज

दर्शन क्या है? मनुष्य एक चिंतनशील प्राणी है। सोचने की क्षमता मनुष्य का ऐसा गुण है जो उसे अन्य जीवों से अलग करता है। Aristotle ने मनुष्य को "विवेकशील प्राणी"…

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Adi Shankaracharya

निर्वाण षटकम्: आत्मज्ञान की ओर एक मार्गदर्शन

आत्मषट्कम् (Atmashatkam), जिसे निर्वाणषट्कम् (Nirvanashatkam) भी कहा जाता है, एक अद्वैत रचना है जिसमें 6 श्लोक हैं। इसे आदिशंकराचार्य ने लिखा है और यह अद्वैत वेदांत की मूल शिक्षाओं का सार प्रस्तुत करता है।

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